इन दिनों सौरमंडल में ग्रहों की चाल बदल रही है। वर्तमान में तीन ग्रह बुध, गुरु और शनि वक्री चल रहे हैं। वहीं, मंगलवार को देवगुरु बृहस्पति की वापसी उनके अपने घर धनु राशि में होगी। यद्यपि वे प्रतिगामी अवस्था में रहेंगे। गुरु 14 मई से मकर राशि में वक्री चल रहे हैं। वैदिक ज्योतिष की दुनिया में गुरु के अपनी राशि में आने को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम सामाजिक व्यवस्था और भौतिक दुनिया में देखे जा सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य अमित नामदेव ने बताया कि गुरु स्वयं पिछले साल 5 नवंबर को धनु राशि में आए थे। फिर 30 मार्च को वह अतिचारी हो कर मकर में चला गये थे। बाद में मई के महीने में गुरु वक्री हो गए । देवगुरु मंगलवार 30 जून को 5.25 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जो केवल प्रतिगामी अवस्था में है। 13 सितंबर को गुरु वक्री से मार्गी हो जाएगा। 20 नवंबर को गुरु धनु राशि में रहेगे ।
अनुकूल सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे
सौरमंडल के चार ग्रह इस समय अपनी राशि में हैं। इनमे से बुध, गुरु और शनि तीन ग्रह प्रतिगामी अवस्था में हैं। दूसरी ओर, राहु और केतु भी अपनी उच्च राशि मिथुन और धनु राशि में रहेंगे। सौर मंडल में इस ग्रह प्रणाली के भौतिक दुनिया और सामाजिक प्रणाली में बहुत अनुकूल सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। इससे सरकार शिक्षा को लेकर कुछ बड़े फैसले ले सकती है। धार्मिक स्थानों से जुड़े कुछ फैसले हो सकते हैं। अच्छी बारिश होगी। तेज हवाओं और चक्रवातों से जनहानि के कुछ संकेत हैं। कुछ राज्यों में राजनीतिक उथल-पुथल के संकेत भी हैं।

सौर मंडल में चार ग्रहों की अपनी राशि में
गुरु: धनु में
शनि: मकर
शुक्र: वृषभ
बुध: मिथुन
विभिन्न राशियों पर प्रभाव
मेष: नौकरी-व्यवसाय में सफलता, स्वास्थ्य
वृष: आकस्मिक लाभ, अधिकारी का भरोसा मिलेगा
मिथुन: दैनिक कार्यों में लाभ, पराक्रम में वृद्धि
कर्क: खर्च में वृद्धि, अवांछित यात्रा
सिंह: नई योजना से लाभान्वित, बच्चों से पीड़ित
कन्या: बुरे काम बनेंगे, स्थायी संपत्ति का लाभ मिलेगा
तुला: साझेदारी से परेशानी, मानसिक चिंता
वृश्चिक: संचित पूंजी में वृद्धि होगी, नया निवेश होगा
धनु: मांगलिक कार्य, धार्मिक रुचि बढ़ेगी
मकर: शारीरिक कष्ट, कर्ज में वृद्धि
कुंभ: आय वृद्धि, भाइयों से मतभेद
मीन: नई योजना का लाभ, सम्मान