साल 2019 मे प्याज ने आम लोगों को रोने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी, वर्ष 2019 में प्याज सबसे अधिक चर्चा मे था सड़क से संसद तक प्याज ही प्याज था। देश के कई शहरों में प्याज के दाम 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने प्याज की महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कुछ उपाय किए हैं। इस समय, अच्छी औसत गुणवत्ता वाले प्याज की कीमत 1,000 रुपये से 1,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। प्रमुख शहरों में प्याज की कीमतें 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं, जबकि पिछले साल सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के महीनों में देश भर में प्याज की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर रहीं।

भारत सरकार ने 25,000 टन प्याज खरीदा
प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए, नेफेड ने सरकार की ओर से बफर स्टॉक बनाने के लिए अब तक 25,000 टन प्याज खरीदे हैं। ये खरीद किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों से प्रचलित दरों पर की गई थी। पिछले साल, नेफेड ने 2018-19 रबी (सर्दियों) की फसल से कुल 57,000 टन प्याज खरीदा था। NAFED ने कहा कि इस बार प्रमुख उत्पादक राज्यों से एक लाख टन प्याज खरीदने का लक्ष्य है।

नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (नेफेड) ने एक बयान में कहा कि इस पहल से कोविड -19 महामारी के प्रकोप के दौरान प्याज की घरेलू कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी और प्याज की कमी वाले महीनों में भी कीमतें नीचे बनी रहेंगी। नेफेड पहले से ही प्रचलित दरों पर 25,000 टन प्याज खरीद चुका है। यह खरीद एफपीओ, सहकारी समितियों के साथ-साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों के माध्यम से की जा रही है।