अभी पिछले हफ़्ते तेलंगाना के वारंगल मे 9 प्रवासी मजदूरो के शव कुएं से निकालने का मामला सामने आया था अब तेलंगाना पुलिस ने दावा किया है कि पिछले हफ्ते जो नौ लोगों के शव मिले थे उन सभी की नृशंस हत्या की गई थी। ये सभी खून 24 वर्षीय व्यक्ति ने एक महिला की हत्या छिपाने के लिए की थीं।

पिछले सप्ताह वारंगल के गोरेकुंटा गांव में कुएं से एक ही परिवार के छह सदस्यों सहित कुल नौ लोगों के शव निकाले जाने के तीन दिन बाद तेलंगाना पुलिस ने सोमवार को आरोपी संजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया। संजय यादव बिहार का रहने वाला है संजय ने अपना अपराध कबूल लिया है। वारंगल पुलिस कमिश्नर वी रवींद्र ने कहा कि पुलिस सुनिश्चित करेगी कि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले। पुलिस कमिश्नर वी रवींद्र ने बताया कि संजय यादव छह साल से यहां रह रहा था उसने खाने में नींद की गोलियां मिला दी थीं। बेहोश होने पर वह सभी को घसीटते हुए एक बोरे बनाने वाली एक फैक्ट्री के परिसर में ले गया और वहाँ उन्हे कुएं में फेंक दिया।
इस हत्याकांड में मारे गए परिवार के मुखिया 48 वर्षीय मकसूद खान 20 साल पहले पश्चिम बंगाल से गोरकुंटा आए थे। गुरुवार को मकसूद, उनकी पत्नी, बेटी सहित तीन वर्षीय पोते के शव कुएं से निकाले गए, अगले दिन मकसूद के दो बेटों, एक दोस्त और कारखाने में काम करने वाले दो अन्य लोगों के शव मिले। मकसूद की पत्नी ने संजय यादव को धमकी दी कि वह उसकी लापता भतीजी के बारे में पुलिस से शिकायत करेगी।

मकसूद की भतीजी की भी 6 मार्च को संजय ने हत्या कर दी थी। संजय चार साल से उसके और उसके तीन बच्चों के साथ रह रहा था। वह उसे शादी की बात करने के लिए उसके परिवार से मिलने के बहाने पश्चिम बंगाल की एक ट्रेन में ले गया। यात्रा के दौरान, उसने छाछ में नींद की गोलियां मिलाकर उसका का गला घोंट दिया और उसे ट्रेन से बाहर फेंक दिया।
लौटने पर उसने कसूद की पत्नी और बच्चों को बताया कि वह अपने रिश्तेदार के घर गई है। लेकिन मकसूद की पत्नी को उस पर शक था। 20 मई मकसूद के बेटे का जन्मदिन था, वह उसी दिन अपने घर पहुंचा। उसने खाने में नींद की गोलियां मिला दीं, जिसे खाने के बाद सभी बेहोश हो गए और इसकेबाद संजय ने इस घटना को अंजाम दिया।